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Gita  Whatsapp Status Quote:

अर्जुन उवाच -
संन्यासं कर्मणां कृष्ण पुनर्योगं च शंससि।
यच्छ्रेय एतयोरेकं तन्मे ब्रूहि सुनिश्चितम् ।।१।।

भावार्थ : अर्जुन बोले- हे कृष्ण ! आप कर्मों से संन्यास ( ज्ञानयोग ) की और पुनः कर्मयोग की प्रशंसा करते हैंइसलिए इन दोनों में से जो एक मेरे लिए निश्चय ही कल्याणकरी हो, उसको कहिए। 

Gita Whatsapp Status Quotes

श्रीभगवानुवाच
संन्यासः कर्मयोगश्च निःश्रेयसकरावुभौ।
तयोस्तु कर्मसंन्यासात्कर्मयोगो विशिष्यते ।।२।।


भावार्थ : श्रीभगवान बोले- कर्म संन्यास (ज्ञानयोग ) और कर्मयोग- ये दोनों ही परम कल्याण के करने वाले हैं, परन्तु उन दोनों में भी कर्मयोग साधन में सुगम होने से कर्म संन्यास श्रेष्ठ है। 

Gita Whatsapp  Status Quotes

 ज्ञेयः स नित्यसंन्यासी यो न द्वेष्टि न काङ्क्षति।
 निर्द्वन्द्वो हि महाबाहो सुखं बन्धात्प्रमुच्यते ।। ३ ।।


भावार्थ : हे अर्जुन! जो व्यक्ति न किसी से द्वेष करता है और न किसी की आकांक्षा करता है, वह कर्मयोगी सदा संन्यासी ही समझने योग्य है क्योंकि राग-द्वेषादि द्वंद्वों से मुक्त व्यक्ति सुखपूर्वक इस संसार बंधन से मुक्त हो जाता है। 


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साङ्ख्ययोगौ पृथग्बालाः प्रवदन्ति न पण्डिताः।
 एकमप्यास्थितः सम्यगुभयोर्विन्दते फलम् ।।४।।


भावार्थ : उपर्युक्त कर्म संन्यास ( ज्ञानयोग ) और कर्मयोग को मूर्ख लोग पृथक्-पृथक् फल देने वाले मानते हैं न कि पण्डितजन, क्योंकि दोनों में से एक में भी स्थित व्यक्ति परमात्मा को ही प्राप्त होता है।

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 यत्साङ्खयैः प्राप्यते स्थानं तद्योगैरपि गम्यते।
एकं साङ्ख्यं च योगं च यः पश्यति स पश्यति ।।५।।


भावार्थ : ज्ञान योगियों द्वारा जो परमधाम प्राप्त किया जाता है, कर्मयोगियों द्वारा भी वही परमधाम प्राप्त किया जाता है। इसलिए जो पुरुष ज्ञानयोग और कर्मयोग को समानरूप से एक देखता है, वही यथार्थ देखता है। 

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